Thursday, May 10, 2007

Welcome to Yahoo! Hindi: "अच्छाई और बुराई के बीच उलझा स्पाइडरमैन"

Welcome to Yahoo! Hindi: "अच्छाई और बुराई के बीच उलझा स्पाइडरमैन"


निर्देशक : सैम रैमीसंगीत : क्रिस्टोफर यंग, डेनी इल्फमैनकलाकार : टॉबी मेग्युरी, करस्टेन डस्ट, थॉमस हेडन, जेम्स फ्रेंकोभारत में चमत्कारिक और देवीय शक्तियों से लैस किरदारों की कमी नहीं है। हॉलीवुड वालों के पास ऐसे गिने चुने किरदार ही हैं। मार्केटिंग की ताकत के जरिए उन्होंने अपने इन किरदारों को लगभग पूरी दुनिया में लोकप्रिय कर दिया है। स्पाइडरमैन भी उनमें से एक है जिसका तीसरा भाग फिल्म के रूप में प्रदर्शित हुआ है। इस फिल्म का निर्माण किशोर उम्र के दर्शकों के लिए किया गया है। स्पाइडरमैन के भाग एक और दो में फिल्म की कहानी बहुत सशक्त थी। तीन में हैरतअंगेज दृश्य है, मजबूत तकनीक है, लेकिन कहानी कमजोर है। सब कुछ बढि़या होने के बावजूद कहानी की कमी खटकती रहती है। इस फिल्म में कई पात्र निर्देशक ने डाल दिए हैं। हर खलनायक को विशेष शक्तियाँ प्राप्त हैं। शायद निर्देशक का मकसद ज्यादा से ज्यादा स्पेशल इफेक्ट दिखाना रहा हो। कहानी : स्पाइडरमैन को लगने लगता है कि अब न्यूयार्क में शांति है और सारी बुरी शक्तियाँ भाग गई हैं। लेकिन यह शांति ज्यादा दिन कायम नहीं रह पाती। फ्लिंट मार्को पुलिस से भागते हुए साइंटिफिक टेस्ट साइट में गिर जाता है। उसमें गिरते ही उसके टुकड़े-टुकड़े हो जाते हैं और उसका पुनर्निमाण एक रेत के पिंड के रूप में होता है। वह जबरदस्त शक्तिशाली बन जाता है और सेंडमेन के रूप में तबाही मचाता है। वह स्पाइडरमैन के अंकल का कातिल रहता है। इधर हैरी भी अपने पिता की मौत का बदला स्पाइडरमैन से लेने के लिए छटपटाता रहता है।बाहरी दुनिया से आए एक अजीबोगरीब जीव के कारण स्पाइडरमैन की पोशाक में परिवर्तन हो जाता है। इस पोशाक में उसे अच्छा तो लगता है लेकिन उसमें गुस्सा और घमण्ड जैसी भावनाएँ आ जाती हैं। वह अपने विशेष मानने लगता है। वह कभी अच्छा तो कभी बुरा व्यवहार करता है। गर्लफ्रेंड मेरी जान वाटसन से भी उसके रिश्ते अच्छे नहीं रहते। इन सारी मुसीबतों को वह फिल्म के अंत में सुलझा लेता है। अभिनय :टॉबी मेग्यूरी ने पीटर पार्कर और स्पाइडरमैन दोनों के किरदार बखूबी निभाए। स्पाइडरमैन की गर्लफ्रेंड करस्टेन डस्ट टॉबी की तुलना में अधिक उम्र वाली लगी। सेंडमेन बने थॉमस हेडन का अभिनय जबरदस्त है। उनका चेहरा और व्यक्तित्व उन्हें एकदम परफेक्ट विलेन बनाता है। जेम्स फ्रांको और टॉफर ग्रेस ने भी अच्छा साथ निभाया है। निर्देशन :सैम रैमी ने निर्देशन के साथ कहानी लिखने का जिम्मा भी अपने दो साथियों के साथ उठाया है। उन्होंने कई किरदारों और कहानियों को फिल्म में डाला जिससे मूलकथा पर असर हुआ है। अपने कलाकारों से वे अच्छा अभिनय करवाने में वे कामयाब रहे।अन्य पक्ष :फिल्म का तकनीकी पक्ष बेहद प्रभावशाली है। फोटोग्राफी, बैकग्राउण्ड म्यूजिक वर्ल्ड क्लास है। फिल्म के स्टंट पर जबरदस्त मेहनत की गई है। ये दृश्य दाँतों तले उंगली दबाने पर मजबूर करते हैं। इन दृश्यों को बड़ी कुशलता से फिल्माया गया है। फिल्म बनाने में खूब पैसा खर्च किया गया है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि यह फिल्म उनको पसंद आएगी जिन्होंने पहले दो भाग नहीं देखे हैं। साथ ही इस फिल्म में किशोर वर्ग को बाँधने की क्षमता है।
(स्रोत - वेबदुनिया)

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