Wednesday, July 30, 2008

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BBCHindi.com विश्व समाचार दो अमीर लड़ेंगे ध�: "दो अमीर लड़ेंगे धूम्रपान के ख़िलाफ़"
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में से दो ने मिलकर विकासशील देशों में धूम्रपान पर क़ाबू पाने के लिए एक अभियान की शुरुआत की है.
ये दो व्यक्ति हैं न्यूयॉर्क के मेयर माइकल ब्लूमबर्ग और माइक्रोसॉफ़्ट के संस्थापक बिल गेट्स.
इन दोनों ने चेतावनी दी है कि सदी के अंत तक धूम्रपान से जुड़ी बीमारियों से एक अरब लोगों की मौत हो सकती है.
इन दो अरबपति मानवतावादियों ने अगले पाँच साल में लोगों में धूम्रपान की आदत ख़त्म करने के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए 50 करोड़ डॉलर (यानी कोई दो हज़ार करोड़ रुपए) की सहायता देने की घोषणा की है.
ये दोनों चाहते हैं कि लोगों के बीच तंबाकू से होने वाली बीमारियों को लेकर एक जागरुकता अभियान शुरु किया जाए.
अनुमान है कि इस समय दुनिया में एक अरब से ज़्यादा लोग धूम्रपान करते हैं.
उत्प्रेरक
एक ओर तो विकसित देशों में धूम्रपान में कटौती की कोशिशें की जा रही हैं. न्यूयॉर्क, लंदन और डबलिन में सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान पर रोक लगा दी गई है.
बिल और मैं इस समस्या की गंभीरता को उजागर करना चाहते हैं और तंबाकू की महामारी के ख़िलाफ़ सरकारों और नागरिक समाज के अभियान को बढ़ावा देने के लिए उत्प्रेरक का काम करना चाहते हैं

माइकल ब्लूमबर्ग
तो दूसरी ओर तंबाकू कंपनियाँ अपना ध्यान एशिया और अफ़्रीका में केंद्रित कर रही हैं.
ब्लूमबर्ग ने कहा, "बिल और मैं इस समस्या की गंभीरता को उजागर करना चाहते हैं और तंबाकू की महामारी के ख़िलाफ़ सरकारों और नागरिक समाज के अभियान को बढ़ावा देने के लिए उत्प्रेरक का काम करना चाहते हैं."
बिल गेट्स और माइकल ब्लूमबर्ग चाहते हैं कि सरकारों को तंबाकू के ख़िलाफ़ नीतियाँ बनाने में सहायता की जाए और उन्हें तंबाकू पर टैक्स बढ़ाने और तंबाकू के विज्ञापनों पर रोक लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए.
बीबीसी संवाददाता लौरा ट्रैवेलियन का कहना है कि बड़ा सवाल यह है कि 50 करोड़ डॉलर की सहायता से तंबाकू कंपनियों को किस हद तक रोका जा सकेगा.

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