Thursday, August 23, 2007

BBCHindi.com | विज्ञान | यौन संबंधों में आड़े न�

BBCHindi.com विज्ञान यौन संबंधों में आड़े न�: "यौन संबंधों में आड़े नहीं आ रहा बुढ़ापा"

एक शोध में कहा गया है कि अमरीकी लोगों के लिए बुढ़ापा यौन संबंधों के आड़े नहीं आ रहा है और 70-80 साल की उम्र में भी वे यौन संबंध बना रहे हैं.
57 से 85 साल उम्र के 3005 लोगों के बीच उनके यौन जीनव या सेक्स लाइफ़ के बारे में एक शोध किया गया और बड़ी संख्या में लोगों ने कहा कि वे अभी भी यौन संबंध बनाते हैं.
इस सर्वेक्षण या शोध से पता चला कि इस उम्र में भी यौन संबंधों के लिए सबसे बड़ी बाधा के रुप में साथी की कमी का ज़िक्र किया गया और यौनेच्छा की कमी और बीमारी को छोटी बाधा बताया गया.
शोधकर्ताओं का कहना है कि इस शोध में यौन संबंधों और उम्र के मामले में परंपरागत धारणाओं से अलग तथ्य उजागर हुए हैं.
वैसे भी इस मामले में कम ही अध्ययन हुए हैं.
नए तथ्य
शिकागो यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर एडवर्ड ल्यूमैन शोधकर्ताओं में से एक हैं और उनका कहना है, "ऐसे बहुत से लोग थे जो मानते हैं कि उम्र को यौन संबंध या यौनेच्छा से बहुत सख़्ती के साथ जोड़कर देखा जाता रहा है."
उनका कहना है, "लेकिन पता चला कि बहुत से स्वस्थ लोगों के पास यदि साथी है तो वे सहज रुप से यौन संबंध बना रहे हैं और यह उनके जीवन का अहम हिस्सा है."
आधे पुरुषों और एक चौथाई स्त्रियों ने बताया कि वे हस्तमैथुन करते हैं और इसका इस बात से कोई संबंध नहीं होता कि उनके पास साथी है या नहीं

जिन उम्रदराज़ लोगों ने कहा कि उनका यौन जीवन सुचारु रुप से चल रहा है, उनका कहना था कि वे महीने में दो या तीन बार यौन संबंध बनाते हैं.
आधे पुरुषों और एक चौथाई स्त्रियों ने बताया कि वे हस्तमैथुन करते हैं और इसका इस बात से कोई संबंध नहीं होता कि उनके पास साथी है या नहीं.
इस शोध से यह भी ज़ाहिर हुआ कि स्वास्थ्य का लोगों के यौन जीनव से सीधा संबंध होता है क्योंकि जो लोग स्वस्थ नहीं हैं उनका यौन जीवन उतना सक्रिय भी नहीं है.
पुरुषों में आम समस्या उत्तेजना की कमी थी और 14 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे इसके लिए यौन-उत्तेजना बढ़ाने वाली दवाएँ लेते हैं.
जबकि महिलाओं में यौनेच्छा की कमी और चरमसुख की अवस्था तक पहुँचने जैसी समस्याएँ थीं.


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Friday, August 17, 2007

BBCHindi.com | विश्व समाचार | जॉर्ज बुश की बेटी �

BBCHindi.com विश्व समाचार जॉर्ज बुश की बेटी �: "जॉर्ज बुश की बेटी की सगाई हुई"

व्हाइट हाउस के मुताबिक अमरीका के राष्ट्रपति जॉर्ज बुश की जुड़वां बेटियों में से एक, जेना बुश की उनके पुरुष मित्र हेनरी हेगर से सगाई हो गई है.
राष्ट्रपति बुश की पत्नी लॉरा बुश के कार्यालय से गुरुवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि जेना और हेनरी की सगाई बुधवार यानी 15 अगस्त को हो गई है.
हालांकि इस बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल सकी है कि इन दोनों का विवाह कब और कहाँ होगा.
हेनरी वर्जीनिया के पूर्व लेफ़्टीनेंट गवर्नर जॉन हेगर के बेटे हैं. जॉन हेगर इन दिनों वर्जीनिया में रिपब्लिकन पार्टी के अध्यक्ष हैं.
25 वर्षीय जेना की जुड़वां बहन का नाम बारबरा बुश है. दोनों बहने जॉर्ज बुश की बेटी होने के नाते ही नहीं बल्कि अपनी गतिविधियों को लेकर भी पिछले समय में चर्चा में रही हैं.
वर्ष 2001 के दौरान कॉलेज के दिनों में कम उम्र में मदिरापान करने को लेकर भी ये विवादों में रहीं थीं और इन्हें पुलिस की हिरासत में जाना पड़ा था.
एक-दूजे के लिए..
जेना की सगाई की सूचना लॉरा बुश के कार्यालय से जारी की गई है
हेनरी और जेना एक दूसरे को पिछले कुछ वर्षों से जानते हैं और दोनों में गहरी दोस्ती रही है.
दोनों ही कई बार सार्वजनिक मौकों पर एकसाथ सामने आते रहे हैं. इसमें व्हाइट हाउस की ओर से हुए कई महत्वपूर्ण समारोह भी शामिल हैं.
यहां तक कि हेनरी हेगर राष्ट्रपति बुश के दूसरे चुनाव के दौरान अभियान का कामकाज भी देख रहे थे.
फिलहाल हेनरी व्यापार प्रबंधन में अपना पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा करने की तैयारी में हैं और जेना अपनी एक किताब पर काम कर रही हैं जो कि एक एचआईवी संक्रमित मां पर आधारित है.

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Friday, August 10, 2007

ऐश्वर्या की मोम की मूर्ति

ऐश्वर्या की मोम की मूर्ति
न्यूयॉर्क (भाषा), शुक्रवार, 10 अगस्त 2007 ( 18:29 IST )
लंदन को नमस्ते कहने के बाद अब पूर्व विश्व सुंदरी और बॉलीवुड की अदाकारा ऐश्वर्या राय न्यूयॉर्क आ रही हैं। यहाँ 15 अगस्त को उनकी मोम निर्मित प्रतिमा का अनावरण होगा।न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर में मैडम तुसाद का संग्रहालय है। इसी संग्रहालय में ऐश्वर्या की मोम निर्मित प्रतिमा का 15 अगस्त को अनावरण किया जाएगा।भारत इस वर्ष 15 अगस्त पर अपनी आजादी की 60वीं सालगिरह मनाएगा। संग्रहालय के अधिकारियों के अनुसार ऐश्वर्या के प्रशंसकों के अनुरोध पर प्रतिमा का अनावरण 15 अगस्त को किया जाएगा। इस अवसर पर बॉलीवुड के कलाकार एक कार्यक्रम भी पेश करेंगे।लंदन स्थित मैडम तुसाद के संग्रहालय में भी ऐश्वर्या की मोम निर्मित प्रतिमा लगी है। इसका अनावरण 2004 में हुआ था। उस समय ऐश्वर्या की फिल्म ब्राइड एंड प्रिजुडिस रिलीज होने वाली थी।लंदन स्थित संग्रहालय से ऐश्वर्या की प्रतिमा न्यूयॉर्क स्थित संग्रहालय ने मँगवाई और उसके आधार पर छह सप्ताह में नई प्रतिमा तैयार कराई। मैडम तुसाद के संग्रहालय में अमिताभ बच्चन, शाहरूख खान, तमिल सुपरस्टार रजनीकांत की भी मोम निर्मित प्रतिमाएँ हैं।अभिषेक बच्चन से विवाह कर चुकी ऐश्वर्या पहली भारतीय अभिनेत्री हैं, जिनकी प्रतिमा न्यूयॉर्क स्थित तुसाद संग्रहालय में लगेगी। अटकलें लगाई जा रही हैं कि शायद ऐश्वर्या प्रतिमा के अनावरण के लिए न्यूयॉर्क आ सकें।मैडम तुसाद के संग्रहालय लंदन, एम्स्टर्डम, लॉस वेगास, हांगकांग और शंघाई में भी हैं और हर साल लाखों की संख्या में दर्शक वहाँ जाते हैं। इसकी स्थापना 1835 में मोम शिल्पकार मेरी तुसाद ने लंदन में की थी।
(स्रोत - वेबदुनिया)

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लालू ने हेमा से रोल माँगा

Welcome to Yahoo! Hindi: "लालू ने हेमा से रोल माँगा" लालू ने हेमा से रोल माँगा नई दिल्ली (भाषा), शुक्रवार, 10 अगस्त 2007 ( 17:57 IST ) बिहार में मुख्यमंत्री रहते प्रदेश की सड़कों को ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी के गालों की तरह चिकना बना देने का कभी दावा करने वाले रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने शुक्रवार को उनसे फिल्म में अपने लिए रोल माँगा। संसद परिसर में उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने के बाद हेमा मालिनी और लालू प्रसाद आपस में गपियाते हुए साथ साथ बाहर आए। बीच में दोनों खड़े होकर देर तक बात करते रहे। बात करने के बाद लालू आगे बढ़ गए तो हेमा ने फिर उनसे कुछ कहा और वह दोबारा उनके पास लौट आए। दोनों फिर देर तक आपस में बातें करते रहे और हँसते रहे। इस बीच मीडियाकर्मियों के बीच यह कौतुहल का विषय बन गया कि दोनों के बीच इतनी देर तक आखिर क्या बातचीत हो रही है। बातचीत के बाद संवाददाताओं द्वारा यह पूछे जाने पर कि वे हेमा मालिनी से इतनी देर तक क्या गपियाते रहे तो लालू ने अपने चिर परिचित अंदाज में हँसते हुए कहा 'हेमा जी एक फिल्म बना रही हैं। हमने उनसे कहा कि उसमें हमें भी रोल दीजिएगा।' यह पूछे जाने पर कि फिल्म का नाम क्या है, उन्होंने कहा यह अभी गोपनीय है। (स्रोत - वेबदुनिया) http://www.svdeals.com/ super value deals

Wednesday, August 8, 2007

BBCHindi.com | विज्ञान | महत्वपूर्ण मानव जीवा�

BBCHindi.com विज्ञान महत्वपूर्ण मानव जीवा�
केन्या में दो ऐसे मानव जीवाश्म मिले हैं जिनसे मानवों के विकास की अब तक की स्थापित अवधारणा को चुनौती मिल सकती है.
विज्ञान पत्रिका नेचर में इन जीवाश्मों के बारे में कहा गया है कि ये ऊपरी जबड़े का हिस्सा और जुड़ा हुआ मस्तिष्क मानव जैसे प्राणियों के हैं.
पहले ऐसा माना जाता रहा है कि मानव का विकास होमो हैबिलिस ( मानव जैसा प्राणी) से होमो इरेक्टस ( दो पैरों पर चलने वाला) विकसित हुआ है जिससे आज का मानव बना है.
लेकिन नए जीवाश्मों से ऐसा लग रहा है कि होमो इरेक्टस और होमो हैबिलिस एक ही समय में थे जिससे साफ है कि होमो इरेक्टस का विकास होमो हैबिलिस से नहीं हुआ जो आम अवधारणा के बिल्कुल उलट है.
नए जीवाश्मों के अध्ययन से जुड़े कोबी फोरा रिसर्च प्रोजेक्ट के प्रोफेसर मियाव लीकी का कहना है जबड़े का हिस्सा होमो हैबिलिस का लगता है जबकि मस्तिष्क होमो इरेक्टस का प्रतीत होता है लेकिन दोनों जीवाश्म एक ही समय के लगते हैं.
ये जीवाश्म केन्या के तुरकाना बेसिन क्षेत्र में पाए गए हैं जहां के बारे में कहा जाता है कि मानव की अत्यंत प्राचीन प्रजातियां रहती थीं.
नए जीवाश्मों के आधार पर वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले दिनों में यह साफ हो सकता है कि होमो सेपियन्स यानी आज के मानव होमो इरेक्टस से विकसित होकर बने हैं और ये होमो इरेक्टस किसी समय में होमो हैबिलिस के साथ रहते होंगे न कि होमो हैबिलिस से विकसित हुए हैं.


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केन्या में दो ऐसे मानव जीवाश्म मिले हैं जिनसे मानवों के विकास की अब तक की स्थापित अवधारणा को चुनौती मिल सकती है.
विज्ञान पत्रिका नेचर में इन जीवाश्मों के बारे में कहा गया है कि ये ऊपरी जबड़े का हिस्सा और जुड़ा हुआ मस्तिष्क मानव जैसे प्राणियों के हैं.
पहले ऐसा माना जाता रहा है कि मानव का विकास होमो हैबिलिस ( मानव जैसा प्राणी) से होमो इरेक्टस ( दो पैरों पर चलने वाला) विकसित हुआ है जिससे आज का मानव बना है.
लेकिन नए जीवाश्मों से ऐसा लग रहा है कि होमो इरेक्टस और होमो हैबिलिस एक ही समय में थे जिससे साफ है कि होमो इरेक्टस का विकास होमो हैबिलिस से नहीं हुआ जो आम अवधारणा के बिल्कुल उलट है.
नए जीवाश्मों के अध्ययन से जुड़े कोबी फोरा रिसर्च प्रोजेक्ट के प्रोफेसर मियाव लीकी का कहना है जबड़े का हिस्सा होमो हैबिलिस का लगता है जबकि मस्तिष्क होमो इरेक्टस का प्रतीत होता है लेकिन दोनों जीवाश्म एक ही समय के लगते हैं.
ये जीवाश्म केन्या के तुरकाना बेसिन क्षेत्र में पाए गए हैं जहां के बारे में कहा जाता है कि मानव की अत्यंत प्राचीन प्रजातियां रहती थीं.
नए जीवाश्मों के आधार पर वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले दिनों में यह साफ हो सकता है कि होमो सेपियन्स यानी आज के मानव होमो इरेक्टस से विकसित होकर बने हैं और ये होमो इरेक्टस किसी समय में होमो हैबिलिस के साथ रहते होंगे न कि होमो हैबिलिस से विकसित हुए हैं.


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Monday, August 6, 2007

वास्तुपुरुष

Welcome to Yahoo! Hindi: "वास्तुपुरुष"


वास्तुपुरुष
- सुधीर पिम्पले
AP
श्री सुधीर पिम्पले महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय से प्रशिक्षित 'वास्तु विशेषज्ञ' हैं। उन्होंने भावातीत ध्यान के साथ वेद, ज्योतिष, वास्तुशास्त्र, फेंगशुई, भवन नियोजन एवं निर्माण, इंटीरियर डिजाइनिंग का गहन अध्ययन किया है। प्रकाशित पुस्तक- स्थापत्य वेद।'वास्तुपुरुष' ब्रह्मदेवता द्वारा दिया हुआ नाम है। निवास-स्थान के पालनकर्ता के रूप में वास्तुपुरुष की कल्पना की गई है। भूमि-पूजन करते समय, मुख्य द्वार लगाते समय, गृह प्रवेश के समय वास्तुपुरुष की शांति एवं पूजा-अर्चना की जाती है। प्राचीन ग्रंथों में वास्तुपुरुष की उत्पत्ति के संबंध में अनेक दंत कथाएँ वर्णित हैं। उनमें से कुछ इस प्रकार है -1. त्रेतायुग में अचानक एक महाभूत निर्मित हुआ, उसने सभी निवासियों को कष्ट देना प्रारंभ कर दिया। यह देखकर इंद्र सहित सभी देवी-देवता भयभीत हो गए और ब्रह्मा के पास उसे शांत करने का उपाय जानने गए। ब्रह्मा ने बताया कि उस राक्षस को धरती पर उलटा लिटा देना चाहिए। बड़े प्रयासों से देवताओं ने उस राक्षस को धरती पर गिराया और उसके प्रत्येक अंग पर प्रत्येक देवता ने अपना स्थान बना लिया। तब वह राक्षस व्याकुल होकर ब्रह्मा की शरण में आया और कहने लगा, हे प्रभु! अब मेरा आहार क्या होगा? तब ब्रह्मा ने बताया कि जो भी व्यक्ति भवन या कोई अन्य स्थापत्य खड़ा करेगा, उसके पहले तुम्हारे लिए हवन-पूजन करेगा। उसी में समर्पित सामग्री का तुम भक्षण करना। जो तुम्हें हवन समर्पित न करे, उसकी वास्तु का तुम भक्षण करना। बस तभी से वास्तुशांति प्रचलित हुई।2. प्राचीन काल में अंधवध के समय शिवजी के शरीर से जो पसीने की बूँदें पृथ्वी पर गिरीं, उनसे एक भीषण और विकराल प्राणी की उत्पत्ति हुई। वह पृथ्वी पर गिरने वाली प्रत्येक रक्त की बूँदों को पीने लगा। जब धरती पर एक भी बूँद रक्त न बचा, तो वह शिवजी की तपस्या करने लगा। शिवजी को प्रसन्न कर वर के रूप में उसने तीनों लोकों को ग्रस लेने की शक्ति प्राप्त कर ली। तब भयभीत हुए देवताओं ने उस राक्षस को स्तम्भित कर दिया और उस समय जिसने जिस अंग पर कब्जा कर रखा था, वहीं अपना निवास स्थान बना लिया। अब उस दबे हुए प्राणी ने पुनः शिवजी से प्रार्थना की कि इस प्रकार तो मैं भूखा ही मर जाऊँगा। मेरी क्षुधा शांत करने का कोई उपाय बताइए। तब शिवजी ने उसे वास्तुशांति के समय चढ़ाई जाने वाली सामग्री भक्षण करने के लिए कहा; और बताया कि जो वास्तुपूजा नहीं करेंगे, वे भी तुम्हारे आहार होंगे। यही प्राणी वास्तुदेवता या वास्तुपुरुष कहलाया और तभी से वास्तुयज्ञ प्रारंभ हुआ।
(स्रोत - वेबदुनिया)
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भूखंड से लगी सड़कों की स्थिति

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कितनी उपयोगी है वास्‍तुशास्‍त्र की समझ

Friday, August 3, 2007

BBCHindi.com | विश्व समाचार | आसमान से बरसे 'नोट

BBCHindi.com विश्व समाचार आसमान से बरसे 'नोट

आसमान से बरसे 'नोट' पुलिस को लौटाए

यह वही इमारत है जिसके ऊपर से येन बरसे थे
जापान में पिछले दिनों 'धन वर्षा' की अजीब घटना हुई और इससे भी हैरत की बात ये रही कि इन नोटों को पाने वाले अधिकतर लोगों ने इन्हें अपनी जेबों में नहीं ठूँसा.
वैसे यह सवाल दुनिया के किसी भी देश के लिए हो सकता है कि अगर किसी को 10000 येन यानी 80 डॉलर लिफ़ाफ़े में रखे मिलें तो वह उनका क्या करेगा.
तमाम मुल्क़ों में इसके जवाब भी अलग-अलग होंगे, लेकिन अगर आप जापान में रहते हैं तो जवाब होगा कि आप इसे नजदीकी पुलिस थाने में जमा करा देंगे.
रहस्यमयी लिफ़ाफ़ा
दरअसल, पिछले कुछ हफ़्तों में जापान में स्थानीय निकाय परिषद के भवनों में पुरुष शौचालयों में 400 से अधिक ऐसे लिफ़ाफ़े मिले, जिनमें से प्रत्येक में 10000 येन रखे थे.
लिफ़ाफ़े में येन के साथ संदेश भी था कि इसे 'आध्यात्मिक ज्ञान' के लिए ख़र्च किया जा सकता है.
धन बरसने का ये सिलसिला यहीं नहीं थमा, और पिछले कुछ दिनों में टोक्यो बिल्डिंग के 18 निवासियों को अपने मेलबॉक्स में कुल 18 लाख़ 10 हज़ार येन की राशि मिली.
लेकिन इस बार इन लिफ़ाफ़ों में धन के उपयोग के लिए किसी तरह का संदेश नहीं छोड़ा गया था.
धन वर्षा
इस इमारत से कुछ ही दूरी पर पिछले हफ़्ते अचानक आसमान से धन बरसने लगा और लगभग 10 लाख़ येन की बारिश हुई.
लोग हैरान हैं कि आखिर इन सब घटनाओं के पीछे कौन है
इन सभी घटनाओं में ख़ास बात ये रही कि जिन भी भाग्यशाली लोगों को ये धन मिला, वे खुश होने के बजाय 'परेशान' हो गए.
अधिकतर मामलों में इस 'लावारिस धन' को पुलिस को सौंप दिया गया.
मेल बॉक्स के ज़रिये 'रहस्यमयी धन' प्राप्त करने वाले अधिकतर लोगों ने इस बारे में बात करने से मना कर दिया.
इसी इमारत में रहने वाली एक महिला ने कहा, "मुझे नहीं पता ये सब किसने किया."
आशंका
कुछ लोग इस बात से भी आशंकित रहे कि ये धन 'फ़र्जी' भी हो सकता है. जापानी लोग निजता पसंद करते हैं और इस तरह रहस्यमयी धन मिलने से उनमें घबराहट है.
कुछ लोगों को डर है कि यह धन लूट या किसी आपराधिक घटना का हिस्सा हो सकता है. लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें धन के जाली होने पर शक नहीं है.
एक टैक्सी ड्राइवर का कहना है, "मैं नहीं समझता कि किसी अपराधी ने धन इस तरह लुटाया होगा. अपराधी 'धन' को हमेशा अपने पास रखेगा. हाँ अगर तुम्हारे पास अधिक धन है तो आप उसे दान कर सकते हैं."
आसमान से हुई नोटों की इस बारिश को लेकर तमाम कहानियाँ सामने आ रही हैं.
इन घटनाओं का सच कुछ भी हो, लेकिन जापानियों की ईमानदारी किसी भी देश के लिए मिसाल बन सकती है.

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