Thursday, June 28, 2007

भारत और पड़ोस भारत में एक लाख से

BBCHindi.com भारत और पड़ोस भारत में एक लाख से भारतीय अर्थव्यवस्था मे आई तेज़ी और स्टॉक मार्केट से मिलते फ़ायदों की वजह से भारत में करोड़पतियों की संख्या एक लाख का आँकड़ा पार कर गई है. मेरिल लिंच और कैपजेमिनी की तरफ से दुनिया के धनी लोगों के बारे में जारी एक रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में एक मिलियन डॉलर यानी लगभग पैंतालिस करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति वाले एक लाख पंद्रह लोग हैं. इस संपत्ति में लोगों का रहने वाला घर और रोज़मर्रा के इस्तेमाल में आने वाले उत्पाद शामिल नहीं हैं. रिपोर्ट के अनुसार 2006 में भारत में करोड़पतियों की संख्या 20.5 फ़ीसदी की रफ़्तार से बढ़ी. एशिया के बाज़ारों मे आई तेज़ी से करोड़पति अमीरों की संख्या तेज़ी से बढ़ी है और आज करोड़पतियों की संख्या के मामले में दुनिया के पहले दस देशों में पांच एशिया से हैं रिपोर्ट सिर्फ़ सिंगापुर ही भारत से आगे है जहाँ ये रफ़्तार 21.2 फ़ीसदी रही. भारत में 2005 में करोड़पतियों की कुल संख्या 83 हज़ार थी. इस बारे में नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र की प्रोफेसर जयती घोष कहती हैं,"सरकार ने अपनी नीतियों से अमीरों को टैक्स और सब्सिडी में बहुत सी रियायतें दी हैं. भूमंडलीकरण की वजह से कुछ लोगों को डॉलर में तनख़्वाह मिलने लगी है. इसलिए अमीरों की संख्या तेज़ी से बढ़ी है." बाज़ार का बोलबाला सरकार ने अपनी नीतियों से अमीरों को टैक्स और सब्सिडी में बहुत सी रियायतें दी हैं. भूमंडलीकरण की वजह से कुछ लोगों को डॉलर में तनख़्वाह मिलने लगी है. इसलिए अमीरों की संख्या तेज़ी से बढ़ी है जयती घोष, अर्थशास्त्री भारत, चीन और सिंगापुर की अर्थव्यवस्था में तेज़ी से हुई वृद्धि की वजह से एशिया के करोड़पतियों की कुल संपत्ति 10.5 फ़ीसदी की दर से बढ़कर 8.4 ट्रिलियन अमरीकी डॉलर हो गई है. रिपोर्ट का कहना है,“एशियाई देशों के बाज़ारों मे आई तेज़ी से करोड़पति अमीरों की संख्या तेज़ी से बढ़ी है और आज करोड़पतियों की संख्या के मामले में दुनिया के पहले दस देशों में पांच एशिया से हैं.” भारत के साथ-साथ ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, जर्मनी, रूस, ब्रिटेन और अमरीका में भी एक मिलियन डॉलर से अधिक की संपत्ति वाले लोगों की संख्या एक लाख से अधिक है. दुनिया के करोड़पति अमीरों की संख्या भी 8.3 फ़ीसदी बढ़कर 95 लाख हो गई है. रिपोर्ट के अनुसार 2006 में इन लोगों की सामूहिक संपत्ति बढ़कर 37.2 ट्रिलियन अमरीकी डॉलर हो गई है. मेरिल लिंच और कैपजेमिनी की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि करोड़पतियों की इतनी ते़ज़ी से बढ़ती संख्या की वजह सकल घरेलु उत्पाद(जीडीपी) में हो रही वृद्धि और दुनिया भर के पूंजी बाज़ार में आई तेज़ी है. http://www.svdeals.com/ super hot deals.

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