Monday, October 25, 2010

जब भी ये दिल उदास होता है कोई नहीं आसपास होता है...

आज बैठ कर जब सोचते है की क्या वो दिन थे जब भी मूड ख़राब होता था तो कई दोस्त थे जो की कभी भी और कही भी मिल जाते थे और ..कही से आवाज़ आती थी अबे राजू कहा अकेले घूम रहे हो .... लेकिन अब समय बदला दोस्त बदले , देश बदला.. किसी के पास आज टाइम नहीं है... आज के डेट में अगर किसी के दिन बात करना है, तो फ़ोन भी नहीं फसबूक और मेल करो ...फ़ोन करने पे भी कोई फ़ोन नहीं उठता है ...दोस्तों से घिरा रहने वाला , आज एक भी दोस्त नहीं... कोई दोस्त है न रकीब है ये शहर कितना अजीब है ...खैर मैंने ही ये राह चुनी है... अब इस रह पे चलना ही पड़ेगा ....
कभी कभी मन करता है की लौट जाऊ पुनाने राह पे लेकिन फिर ख्याल आता है पुराना राह भी अब वैसा नहीं रहा , जिसके लिए लौटना चाहता हु अब वो लोग भी नहीं है वस शहर में..शहर तो वही है लेकिन चेहरे काफी बदल गए है....अब यही नई दुनिया बनाना है...और नया तोर तरीका सीखना है....
कोंय्की जिंदगी के सफ़र में जो बदलाव आता है उसका उसी रूप में मिलना नामुमकिन है....

जिंदगी तुझको जीया है ....और जिंदगी का एक एक पल का मज्जा लिया है ....अब आगे नई दुनिया बनते जाना है... और दोस्ती दोस्त का इज्जत किया है ... जो भी पाया बहुत पाया है...अब कोई अफ़सोस नहीं ...

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