आज यहाँ काफी जोर की बारिश हो रही है , सुबह से ही चारो ओर अँधेरा सा छाया हुआ है , और हम हाथ में चाय की प्याली लिए बारिश का आनंद उठा रहे है खिरकी के बहार झांकते हुए , यहाँ कोई भी दिखाई नहीं ये रहा है बहार एक दो कार , ट्रक के अलावा , साथ की साथ youtube पे संगीत भी चल रहा है , कभी आज मौसम बड़ा बेईमान है तो कभी बरखा रानी जरा जम के बरसो। धीरे धीरे मन यादो में चला जाता है जब हम कॉलेज में थे और घर से बारिश का आनद लेते थे। एक बार मेरे पड़ोस की लड़की भीगते हुए घर आ रही थी तो उसको देख कर आचानक "सजन आ जाओ" गाना जोर जोर से गाना सुरूर कर दिए थे, और वो सिर्फ मुस्कुराते हुए आपने घर चली गई थी, ये मुश्कान आज भी मेरे दिल में बसी है।
हमारे घर ये सामने उसकी भी खिरकी थी, जब भी बारिश होता वो जरुर खिरकी में आती और हम भी ख्र्की के पास ही बिराजमान रहते थे , वो प्यार भरी आँखों से बाते आज भी दिल के किसी कोने में बसी है, अब हमेसा उन पलों की यादें नहीं आती है लेकिन जब भी बादल चाता है और तो उसकी हर एक याद दिल में ताज़ा हो जाती है...
आज भी ये दिल सोचता है वो दुसरे की ही थी लेकिन मेरा दिल कहता है...
ना तुम बेवफा हो ना हम बेवफा है ...मगर क्या करे आपनी राहे जुदा हैं....
जा भी रहो खुश रहो ये मेरी दुवा है , हम जहा भी है बहुत खुश है ....क्योकि तुम्हरी यादें मेरे जीवन में अक्सर एक मुश्कान दे जाती है....और क्या चाहिए जीने के लिए.......
3 comments:
khidkee, baarish, yaaden aur haath mei garam-a-garam chai kee pyalee... aur kya chahiye kisi kee yadon mei kho jaane ke liye...
अमाँ यार! ऐसे लम्हे को यूँ ही निपटा दिए! थोड़ा तसल्ली से लिखो न।
@pooja Thanks, aapki kavita bahut hi piyari hai..
@rao sir likhne ka bahut sokh hai likin samay ka abhao hai, aapke blog dekhe kafi khubsurat hai..
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