दुर्गा पूजा की यादे मेरे दिल में कूट कूट कर भरी हुई है, अगर जिंदगी के कुछ हसीन बीते हुए पल की आज हम जब याद करते है तो उसमे ९०% दुर्गा पूजा से जुडी हुई होती है। याद आता है वो पंडाल जहाँ हमलोग अड़ा मारा करते थे, वो ढॉक के आवाज़ पे नाचते बच्चे बड़े और जवान। और माँ की आरती करते हुए लोग , कभी दोनों हाथो में ले कर तो कभी दोनों हाथो और मुह में ले कर आरती करते थे लोग ढॉक की आवाज़ पे। कभी भक्ति से तो कभी मस्ती के लिए तो कभी अड़ा के लिए लेकिन हमारा जादा समय वही बिताता था।
सभी लोग रोज़ नया कापड़ा पहन कर आते थे वहा , लड़के और लडकिया खूब साज़ धज कर आते थे , क्या दिन थे वो, हमलोगों की साल भर दुर्गा पूजा का इंतजार रहता था, इस पूजा में ये करेगे तो वो करेगे।
आज घर से हजारो हज़ार मीलों दूर उन हसीन पलों को याद कर रहे है और दुर्गा पूजा के मस्ती को मिस कर रहे है लेकिन भक्ति को नहीं...जय माँ दुर्गे....
1 comment:
दशहरा की हार्दिक बधाई एवं अनेक शुभकामनाएँ
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