अनंत यात्रा: एक सावन और कांवड़ की कथा
पवित्र सावन के महीने में, जब आसमान से वर्षा की बूंदें धरती को शुद्ध करती हैं, हवा में गूंजता है “बोल बम! हर हर महादेव!” का पावन जयकारा। हजारों कांवड़ियों की श्रद्धा इस वातावरण को शिवमय कर देती है।
मौन भक्त राघव की कथा
गंगा किनारे बसे एक छोटे से गांव में राघव नाम का एक किसान रहता था। धन में भले ही गरीब था, लेकिन श्रद्धा में धनी। हर साल सावन के महीने में वह नंगे पांव लंबी कांवड़ यात्रा पर निकलता, गंगाजल लेकर देवघर के प्राचीन शिव मंदिर में अर्पित करने।
राघव दूसरों से अलग था। वह कभी ऊँचे स्वर में जयकारा नहीं लगाता था, न ही किसी झुंड में चलता था। वह अकेले, मौन रहकर अपने कंधे पर कांवड़ उठाए चलता, जिसे उसने भगवा वस्त्र और त्रिशूल से सजाया था। लोग उससे पूछते, “तू बोलता क्यों नहीं?” वह बस मुस्कराता और आकाश की ओर इशारा कर देता।
एक वर्ष, भारी बारिश से रास्ते जलमग्न हो गए। कई कांवड़िए लौटने लगे। लेकिन राघव रुका रहा। उसने अपने हाथ में पकड़ी रुद्राक्ष माला से शिव का जाप किया और संकेत की प्रार्थना करने लगा।
उस रात, एक बरगद के पेड़ के नीचे विश्राम करते समय, उसे स्वप्न में भगवान शिव के दर्शन हुए — बाघ की खाल पहने, जटाओं से गंगा बह रही थी, माथे पर अर्धचंद्र।
“राघव,” महादेव बोले, “तेरा मौन मुझ तक सबकी आवाज़ से पहले पहुँचा। तेरे हर क़दम ने धरती पर भक्ति लिख दी है। चल, मैं तेरे साथ हूँ।”
प्रभात होते ही राघव उठा और यात्रा फिर शुरू की। जहाँ रास्ता टूटा, वहाँ पेड़-पत्थर खुद-ब-खुद पुल बन गए। जहाँ भोजन नहीं था, वहाँ अनजान लोग चना प्रसाद और जल दे गए। जहाँ थकान आई, वहाँ उसकी आस्था ने उसे बल दिया।
अंततः जब वह देवघर पहुँचा, तो गिने-चुने लोग ही वहाँ तक पहुँच पाए थे। जैसे ही उसने गंगाजल को शिवलिंग पर अर्पित किया, आकाश साफ़ हो गया और मंदिर के ऊपर एक इंद्रधनुष छा गया — जैसे महादेव ने आशीर्वाद दिया हो।
उस दिन से गांववाले उसे “मौन भक्त राघव” कहने लगे। उसकी कथा हर सावन सुनाई जाती है — भक्ति, साहस और विश्वास की प्रेरणा के रूप में।
कथा से सीख:
सावन केवल एक महीना नहीं, बल्कि आत्मसमर्पण और प्रभु से जुड़ने का अवसर है। कांवड़ यात्रा केवल पैदल चलना नहीं, यह आत्मा की यात्रा है। चाहे आप मौन हों या उच्च स्वर में बोलते हों — हर श्रद्धा भरा क़दम महादेव के हृदय तक पहुँचता है।
इस सावन, आप भी करें शिव की पूजा, इन भक्तिपूर्ण वस्तुओं के साथ:
हर हर महादेव! बोल बम!
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