Tuesday, November 30, 2010

और मेरा रिश्तेदार मेरा घर आया ....

बचपन से ही मेरे घर में रिश्तेदार हमेशा मेरे घर पे आया करते थे, मेरे माँ-पापा बहुत ही अतिथियों का आवभगत किया करते थे, चाहे हम भाई बहनों का एक्साम हो या कोई और दिन रिश्तेदारों का ताँता लगा रहता था। मेरे पापा नौकरी करते थे , रांची में , रांची उन दिनों बिहार के एक बड़े शहरो में से एक था , और वहा सभी एक्साम का सेण्टर पड़ता था, और प्रोफेसर लोगो का भी आना जाना रहता था, ये लोग कॉपी जाचने के लिए आया करते थे , जो भी आता वो कमसे कम १ महिना रुक कर जाता था, और मेरे पापा माँ लोक लाज के कारण किसी को जाने भी नहीं कहते। रिश्तेदार लोग भी बहार जा कर बोलते इज्ज़त बहुत किया , तो दुसरे लोग भी इज्ज़त करवाने के लिए आ जाया करते थे.....रिश्तेदारों के जाने के बाद हम लोग उसकी बात किया करते थे मेरा मतलब शिकायत (आलोचनात्मक व्याख्या) किया करते थे.ये वो बोला वो क्या किया आदि..आदि...
जब घर छूटा तो धीरे धीरे ये सब भूल गए और रिश्तेदार तो नहीं दोस्त लोग काफी आया जाया करते है और हम लोग खूब मस्त करते है रियाल्ली मस्ती ..खाना पीना और पुराने दिनों की यादे - मस्त रहो मस्ती में आग लगे बस्ती में ...जैसा...और भूल गए की मेरे गाँव के पुरखो की ज़मीन है और उसमे मेरा और मेरे चचेरे भाइयो का भी हिस्सा है....दस साल हो गए विदेश में है और लोगो से फ़ोन पे ही बात होती है।


गत महिना मेरा एक चचेरा भाई USA आया और लास्ट सप्ताह मेरे घर pe आया १० दिनों के लिए.... जो की हमसे १० साल छोटा है...वो मेरा भक्त था...हमेशा राजू भैया राजू भैया किया करता था इंडिया में।


जब वो आया तो मै LAX गया उसको लाने के लिए...बहुत ख़ुशी ख़ुशी वो मेरा चरण श्पर्श किया और मैंने उसे गले लगा लिया. रस्ते में ही वो कुछ सुरु हो गया कभी मेरी भाभी मेरे पापा आपने पापा अपनी माँ के बारे में बात करना सुरु कर दिया। हमलोग काफी दिनों से इस माहोल से दूर थे , सुरु में कुछ नहीं सोचा वो मेरी माँ पापा के बारे में उलटी सीधी बाते करने लगा , और उसका बोलने का अंदाज़ कुछ एसा था जैसे की वो एक घटना के बारे में बोल रहा हो।
एक बात तो है अगर कोई कुछ नहीं करता हो परिवार और समाज के बारे में तो लोग उसकी बाते नहीं किया करते , जैसे की आप अगर किसी की शादी करवाते है या किसी रिश्तेदार को अपने घर में रख कर पढाई करवाते है तो लोग आपके बारे में अच्छी और बुरी बाते करते है , मेरे पापा माँ लोग भी वैसे लोगो में है जो की परिवार का ध्यान रखते है।
तो वो सुनाता रहा है तेरे पापा-माँ ने यहाँ गलत किया वहा गलत किया वगैरा वगैरा .....और एक बात है मेरी धर्म पत्नी के बारे में वो ये शिकायत सुन कर काफी खुश होती...पता नहीं यइ सास बहु का क्या चकर है , हमको तो समझ में नहीं आता। खैर अब मेरा भाई ये स्टेप आगे बाद कर मेरे बारे में बोलना सुरु कर दिया, और बोला की भैया ने घर के लिए कुछ भी नहीं किया है...अब जा कर मेरी वाइफ का माथा गरम होना सुरु हुआ ... और दोनों में बात सुरु होगया की हमने ये किया है और वो किया है...
जब वो जाने लगा तो मै दिल से भगवान को बोला , हमें बचाए एसे मेहमानों से , जो की इस तनाव भरी जिंदगी में और भी तनाव दे जाते है। दिल से बोलता हूँ , उसके जाने के बाद अभी हमेसा उसी के बारे में सोचते है और और सोचते है की एसे लोगो से हमें दूर ही रहना चाहिए ...क्यों की ये उसका सवभाव है हम वैसा नहीं बन सकते। जैसे की भगवान ने लोमड़ी बनायीं है , उससे लोगो बच कर ही रहना चाहिए , दूर ही से सलाम करना चाहिए। भगवन बचाए एसे मेहमानों से जो की आपका ही खाते है और आपको ही गाली दे कर चले जाते है........

Saturday, November 20, 2010

Driscoll Middle School Trick Play द्रिस्कोल्ल मिडिल स्कूल ट्रिक प्ले

बच्चो का भी दिमाग बहुत चलता है खेल के मामले में ..बहुत ही खूबसूरती से खेला बच्चो ने इसको..

Thursday, November 18, 2010

पनीर पकौड़ा Paneer Pakoda

बेसन में नमक, मिर्च व नमक मिलाकर गाढ़ा घोल बनाएं। पनीर व ब्रेड स्लाइस को तेज धार वाले चाकू से तिरछा या चौकोर काट लें। आलू में नमक व मिर्च मिलाएं। अब एक स्लाइस के ऊपर थोड़ा सा आलू मिश्रण लगाएं। फिर पनीर का एक स्लाइस रखें। उसके ऊपर आलू मिश्रण फैलाएं फिर दूसरा स्लाइस रखकर प्रेस करें। इसी प्रकार सभी स्लाइस तैयार करें। उसके बाद एक कड़ाही में तेल डालकर गर्म करें। स्लाइस को बेसन में लपेटकर सुनहरा करें। हरी धनिया की चटनी और मिक्स्ड आचार के साथ गरमागरम सर्व करें.



http://in.jagran.yahoo.com/khanakhazana/?page=article&articleid=1003&category=6

Dil Panchchi Ban Udd Jaata Hai

neel Gaagn Ke Chaanvo Mein, Din Rain Gale Se Milate Hai
Dil Panchchi Ban Udd Jaata Hai, Hum Khoye Khoye Rehate Hai

Monday, November 15, 2010

सिगरेट का उड़ता धुआ का आनंद

सिगरेट पीना मैंने क्यों सीखा , कितना मज़ा है सिगरेट पीने में ...ये मै नहीं जनता था लेकिन पीना जरुरी था...क्योकि इसे पीये बिना जिंदगी में कोई मज़ा नहीं था...सुबह उठते ही चाय सिगरेट , नाश्ते के पहले और बाद सिगरेट , अगर सिगरेट नहीं तो बेचैन , कचरे से उठा कर सिगरेट पीना...सिगरेट नहीं मिला तो बीडी ही सही....और सिगरेट के साथ देने वाला मेरा सबसे अचछा दोस्त बासु....हमलोग हॉस्टल में रहते और दिन रात सिगरेट ही सिगरेट पीते थे , कही जाते तो बोलते थे की ..अरे वहा जाने में एक सिगरेट का टाइम लगता है या दो सिगरेट...हमलोग चैन स्मोकर थे.....चाय और सिगरेट ही हमारा लाइफ था....कोई टेंसन हुआ तब सिगरेट खुश हुए था सिगरेट , खैर ..कॉलेज ख़त्म और हमलोग अपने अपने नौकरी पे चलेगये, कोई कोल्कता कोई बंगलौर कोई डेल्ही और मै मुंबई चला आया , लेकिन एक चीज़ नहीं छुटा वो था सिगरेट ...दोस्त गए लेकिन असली दोस्त सिगरेट का साथ नहीं छुटा .... जब भी कोई प्रॉब्लम आता तो उसका सोलुसन था सिगरेट ...दिल से सच बोलता हु अगर आप सॉफ्टवेर में कम कर रहे हो और आपको कोई प्रॉब्लम समझ में नहीं आ रहा है तो एक ब्रेक लीजिये आपने दोस्त सिगरेट के साथ अगर प्रॉब्लम सोल्व नहीं हुआ तो वो प्रॉब्लम सोल्व हो ही नहीं सकता ....
खैर समय बीता हम सभी दोस्त लोग अमेरिका आ गए लेकिन एक बात थी हम दोस्तों में ..हम लोगो के बीच काफी दोस्ती थी..हम लोग रोज़ मेल से बात करते रहते थे और हम लोग बीच बीच में मिलते भी रहते थे... samay beeta मेरी शादी हुई . मेरी धर्मपत्नी सुबह शाम सिगरेट के कारन मेरे से लड़ाई करती रहती ...फिर एक बार मेरे डॉक्टर ने कहा बेटे अगर सिगरेट नहीं छोड़ सकते तो दुनिया छोड़ना पर सकता है ...इसके बाद मैंने सिगरेट पीना छोड़ दिया ।

लेकिन मेरा दोस्त बासु सिगरेट नहीं छोड़ सका , दिन बीता बरस बीता , अचानक पता चला की बासु के पेट में काफी दर्द होता है... डॉक्टर बोला की ये कैंसर के पहले का लक्षण है...अगर जल्दी ओप्रेसन नहीं किया गया तो कैंसर हो सकता है... ये क्यों हुआ ये डॉक्टर ने कभी नहीं बताया ....न ही वो सिगरेट को ब्लेम किया...
गत सप्ताह उसका ओप्रेसन हुआ और अब वो भगवन की दया से ठीक है, उसने सिगरेट पीना छोड़ दिया है...
और वो याद करता है जब दोस्तों के माना करने के बाद भी वो कभी सिगरेट नहीं छोड़ा ...
मेरा ये मानना है की आप अगर स्मोकर है तो आपको आज नहीं तो कल सिगरेट छोड़ ना ही है चाहे आज या कल . ..तो क्यों नहीं आज ही छोड़ दे ...अगर आप नहीं पीते है तो कभी हाथ ही न लगाये ..... ये एक बर्बादी है और ये लाइफ में बेचैनी ही लाती है ....

Thursday, November 4, 2010

वो रोमांटिक दीपावली - Happy DIwali

अकसर ही ये होता है की आप जब घर से दूर है , और पर्व तेहवार के समय घर की याद बहुत आती ,और याद आती है वो हसीं और खुशियों के पल ... जिन लम्हों के याद के बिना किसी की भी जिंदगी अधूरी होती है . मै बात कर रहा हु उस दिवाली की जब मै नया नया कॉलेज में गया था
हमारे पड़ोस में एक लड़की रहती थी जिसका नाम था अर्पिता दुत्ता , वो हमसे 1 साल छोटी थी . हम लोग एक दुसरे को जानते थे और हमारे घर का आना जाना था उसके घर से .
जैसा की हर दिवाली में होता है हम लोग पटाखे चला रहे थे सभी लोग मिल कर अपने दोस्तों के संग , अचानक एक जलता हुआ रौकेट अर्पिता के घर में घुस गया ... अर्पिता हम लोगो के साथ ही पटाखे चला रही थी । हम सभी दोस्त लोग दौरे उसके घर के तरफ लेकिन उसके घर पे ताला लगा था ...तू हम बालकोनी से चढ़ कर उसके घर में घुसे और दूसरी ओर से दरवाज़ा खोल दिया । एक छोटी सी आग जो की उसके घर के परदे में लगा थी उसको बुझा दिया . सभी लोग फिर से पटाखे चलने चले गए , लेकिन अर्पिता ने मुझको बोला तुम रुको तुम्हारे लिए कुछ खाने का लाती हु . उसके घर पे कोई नहीं था , फिर हमलोग कॉलेज पड़ी लिखाई की बाते करने लगे , आचानक अर्पिता मेरे ओर कुछ अजीब निगाहों से देखना सुरु कर दिया ...पता नहीं क्या क्या बोल रही थी कुछ भी तो सुनाई नहीं दे रहा था बस देखते जा रहे थे एक दुसरे को एक टक ...
...अब कोई भी कुछ नहीं बोल रहा था बस देखे जा रहे थे एक दुसरे को .... शायद तभी जिंदगी में पहली बार पयार का अहसास हुआ ...सही में वक़्त कही रुक सा गया था ....फिर उसने पुचा क्या हम लोग हमेसा के लिए एक नहीं हो सकते ....तब याद आता मेरा वो मूर्खतापूर्ण उतर ..मै बोला पहले कुछ बन तो जाओ ..कमाना तो शुरू करू ....लेकिन फिर संभला और सोचा आज क्यों नहीं हम लोग जी ले इस पल को ..पता नहीं 1-2 घंटे क्या क्या बहकी बहकी बाते करते रहे ...पूरी दुनिया और परिवार वसा लिए ... उसके बाद उसके पापा -माँ आ गए और फिर मै आपने घर चला गया ...लेकिन फिर उस दिन के बाद पियार भरी नोक झोक काफी दिनों टक चलती रही।
......आज भी वो मेरे दिलो दिमाग में बसी है उसकी बदन की वो खुशबू और उसका मुस्काना ... हमेसा तो नहीं लेकिन हर दिवाली पे वो जरुर याद आती है और मेरे जिंदगी में खुशियों की दीप जला जाती है वो ....

आप सबको दिवाली की बहुत बहुत शुभकामनाये ...