Thursday, June 18, 2009

Mukesh Main to har mod par

Yek mast song..mera all time favorite...

Wednesday, June 17, 2009

Baaghon Mein Kaise Yeh Phool

Great Song..Mukesh,lata...

Monday, June 1, 2009

how i quit smoking छुटा साथ सिगरेट का..

जब मेरा admission हुआ सत जविएर'स कॉलेज रांची में , टो हम और मेरा परिवार बहुत खुश हुआ और ये खुशीकी बात थी भी ,रांची का नो १ कॉलेज में admission जो की आसन नही था ऊनंदिनों । कॉलेज जाने के बाद मेरी मुलाकात काफी नए लोगो से हुई , लेकिन हम उनलोगों के बारे में बात करेगे जो ही मेरे सिगरेट से सम्बंधित थे। दोनों का नाम था बुर्जू और राजेश , दोनों सिगरेट पिता था , और हम उसके साथ थे, लेकिन ऊन दिनों सिगरेट पीना एक स्टाइल लगता था। खैर वो लोगो ने मुझे सिगरेट दिया लेकिन हमको इनहेल करना नही आता था , वो लोगो ने टीक से ट्रेनिंग दिया , और हम सिगरेट पीना सुरु कर दिए। लेकिन आज भी हम ऊन लोगो को ब्लेम नही कर रहे है की उनके कारन मैंने सिगरेट पीना सुरु किया। ये मेरा निर्णय था। कोई भी सिगरेट पीना सुरु करता है,वो ख़ुद ही करता है , किसी के कारण नही।
बाद में हम चेन स्मोकर हो गए और घर से जो पैसा मिलता था , सब्जी के लिए , ऊस्सी से , झूठ बोल कर पैसा जमा करते सिगरेट पिने की लिए। लिकिन एक बात था कभी भी सबके सामने नही पिया , छूप-छुपकर पिया।
BSC/MCA तक पीता ही रहा । लेकिन दिल ही दिल में छोरने की बहुत ईछा थी। रात को सोने के समय सोचते की कल से नही पियेगे । तो फिर न्यू इयर में सोचते थे की नही पियेगे। लेकिन वो दिन कभी भी नही आया जिस दिन हम सिगरेट न पिए हो।
और ईक दिन जब हम MCA में लास्ट इयर में मेरे कफ्फ़ में थोरा खून आया , या फीर वो निकोटिन था पता नही।लेकिन हम डर कर सिगरेट पीना छोर दिए। बहुत आचा लगता है जब आप इस गन्दी आदत को छोरते हो तो। लेकिन अभी कहानी ख़तम नही हुई है मेरे भाई। जब हमलोग फैनल इयर में प्रोजेक्ट पे जा रहेथे, तो एक कोई मूवी देखने गए , पायल सिनेमा जमशेदपुर में, तो मेरा दोस्त राम बोला आए एक कास ले ले पता नही कब हमलोग फ़िर मिलेगे, तो हमने भी सोचा ले लो एक कश , एक कश की की ही तो बात है। लेकिन वो कश बहुत ही महगा पारा , हम फ़िर से ऊसी दुनिया में लोग गए जहा जाना नही चाहते थे. उसके बाद मुंबई/USA आए फिरभी कभ्ही भी नही छोरा । शादी के दिन भी पिया। लेकिन हम घर पे कभी भी सिगरेट नही पिया । wife के कीच कीच बाद भी नही.लेकिन एक दिन हम गए जनरल चेक-उप के लिए डॉ। पटेल के पास मेरा बीपी थोरा हाई था, वो बोला की सिगरेट पीने से बीपी बड जाता है। हम सोच लिए अब बहुत हो चुका है , सिगरेट छोरना ही है.दुस्सरे दिन सुबह सबसे पहले भरा हुआ सिगरेट का पैकेट फैक दिए, और गज़र खाना सुरु कर दिए, जो दिखा वही खाना सुरु कर दिए। १ दिन -२ दिन३-दिन १ महिना , wow, क्या मस्त काम किए॥ आज ७ साल हो गया सिगरेट नही छूए। बस सोच लिया एक कश भी नही लेना है, और ये काम कर गया , आज में हम सोचते है की ये मेरा लाइफ का सबसे बड़ा आचिभ्मेंट है।
मेरा सोचना है की , आप अगर सिगरेट छोरना चाह रहे हो तो कुछ चीजों का धयान रखना चाहिए ।
1.कुछ दिनों के लिए पुराने दोस्तों को अवोइड करे।
२.जब आप पुराने दोस्तों से मिले तो आपने पे संयम रखे।
३.सिगरेट छोरने के लिए दूसरी आदत न डाले , जैसे की खैनी, पान , खुटका ,तम्बाकू.